Shiv Pooja Vidhi
भगवान शिव को हम भोले भंडारी भी कहते है क्योंकि भगवान शिव बहुत भोले है यदि कोई सच्चे मन से भगवान शिव की Pooja या श्रद्धा भक्ति से शिवलिंग पर जल अर्पित करे तो भगवान शिव प्रसन्न हो जाते है। अगर भगवान शिव की विधिपूर्वक Pooja की जाये तो वह अपने भक्तों को प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएँ पूरी करते है।शिव Pooja करने से पहले संकल्प ले। संकल्प करने से पहले अपने हाथ में जल,फूल व चावल ले। संकल्प में जिस दिन पूजा कर रहे है उस वर्ष, उस वार, तिथि उस जगह ओर अपने नाम को लकर अपनी इच्छा बोलें। अब हाथ में लिए जल को ज़मींन पर छोड़ दे।
- सोमवार को शिव Pooja का विशेष महत्व है वैसे आप किसी भी दिन शिव Pooja कर सकते है। सुबह जैसी स्नान करके और सफ़ेद कपडे पहनकर शिव पूजा करनी चाहिए।
- भगवान शिव की Pooja सुबह में पूर्व दिशा की ओर मुँह करके करनी चाहिए।
- शाम के समय भगवान शिव की Pooja पश्चिम दिशा की ओर मुँह करके करनी चाहिए।
- रात्रि के समय भगवान शिव की Pooja उत्तर दिशा की ओर मुँह करके करनी चाहिए।
Read More : स्फटिक माला के लाभ
शिव पूजा विधि
- अपने बाएँ हाथ की हथेली में जल लें एवं दाहिने हाथ की अनामिका उँगली व आसपास की उँगलियों से निम्न मंत्र बोलते हुए स्वयं के ऊपर एवं पूजन सामग्रियों पर जल छिड़कें।
- श्रद्धा भक्ति के साथ घी का दीपक लगाएं। दीपक रोली/कुंकु,अक्षत,पुष्प,से पूजन करें।
- अगरबत्ती/धूपबत्ती जलाये।
- जल भरा हुआ कलश स्थापित करे और कलश का धूप ,दीप, रोली/कुंकु,अक्षत,पुष्प,से पूजन करें।
- सर्वप्रथम गणेशजी और गौरी की Pooja करे।
- अब शिवजी का ध्यान और हाथ मैं अक्षत पुष्प लेकर "ॐ नमः शिवाय" मंत्र बोलते हुए शिवजी का आवाहन करे।
- अक्षत और पुष्प शिवलिंग को समर्पित कर दे।
- अब शिवलिंग का जल, कच्चे दूध और पंचामृत से अभिषेक करे।
- गन्ने का रस, भांग, शहद, शिवलिंग को अर्पित करे।
- पुन्नः शुद्ध जल से अभिषेक करे।
- चन्दन, अक्षत, सिंदूर, इत्र ,दूर्वां , बिल्व पत्र ,पुष्प और माला अर्पित करे।
- धुप और दीप दिखाए।
- शिव जी को चावल सर्वाधिक प्रिय हैं। अतः चावल की खीर, मिठाइयाँ, एवं ऋतुफल जैसे- सेब, चीकू आदि का नैवेद्य अर्पित करे।
- आचमन के लिए जल अर्पित करे।
- श्री शिव चालीसा का पाठ करे।
- अंत मैं शिव आरती करे।
- पुष्पांजलि समर्पित करे।
Comments
Post a Comment