Pitra Dosh Nivaran Aur Lakshan : ज्योतिष में सूर्य को पिता का कारक व मंगल को रक्त का कारक माना गया है। अतः जब जन्मकुंडली में सूर्य या मंगल, पाप प्रभाव में होते हैं तो पितृदोष का निर्माण होता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है, उसके लिए श्राद्ध पक्ष का समय विशेष होता है क्योंकि इन 16 दिनों में पितृ दोष निवारण उपाय करने से पितृ दोष से शीघ्र मुक्ति मिलना संभव है। जिन लोगों को पितृ दोष होता है, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां हम ऐसे कुछ लक्षण बता रहे है जो जातक की कुंडली में पितृ दोष होने की और इशार करते है पितृ दोष के लक्षण (Pitra Dosh Ke Lakshan) 1. जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है उनके यहां संतान होने में समस्याएं आती हैं। कई बार तो संतान पैदा ही नहीं होती और यदि संतान हो जाए तो उनमें से कुछ अधिक समय तक जीवित नहीं रहती। 2. पितृ दोष होने के कारण ऐसे लोगों को हमेशा धन की कमी रहती है। किसी न किसी रूप में धन की हानि होती रहती है। 3. जिन लोगों को पितृ दोष होता है, उनकी शादी होने में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं...