Skip to main content

अचानक धन प्राप्ति के अचूक उपाय कभी पैसे की कमी नही

Dhan Prapti Ke Upay - धन प्राप्ति के उपाय

धन प्राप्ति के उपाय जानने की इच्छा हर व्यक्ति रखता है। क्योंकि धन का महत्व हर युग और काल समान ही रहता है । बात चाहे पौराणिक काल की रही हो या फिर आधुनिक युग की, धन ने अपना महत्व शुरू से ही सबके जीवन में दर्शाया है। कुल मिलाकर धन के बगैर कुछ भी संभव नहीं है। धन प्राप्ति की कामना हर कोई करता है और उसे पाने के लिए हर संभव प्रयास करता है। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय, इन उपायों की मदद से आपके जीवन में आ रही आर्थिक तंगी दूर होगी और धन की देवी लक्ष्मी की आप पर कृपा होगी।

लक्ष्मी प्राप्ति के सरल उपाय- Laxmi prapti ke saral upay


 लक्ष्मी पूजा:  लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय में सबसे पहले धन की देवी यानि मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। क्योंकि लक्ष्मी जी की कृपा के बगैर पैसों की कामना करना असंभव है। शुक्रवार के दिन महालक्ष्मी का पूजन करें। माता लक्ष्मी की फोटो या मूर्ति के आगे तिल के तेल व घी का दीया जलाएं। हल्दी व कुमकुम का तिलक लगाकर, मां को गुलाब के पुष्प अर्पित करें और धूपबत्ती जलाकर पूजा करें। दूध व गुड़ से तैयार मिठाइयों का भोग लगाएं। मां लक्ष्मी से अपनी सुख-समृद्धि व जीवन में कृपा बनाएं रखने के लिए कामना करें।



धन प्राप्ति के टोटके- Dhan Prapti ke Totke


फेंग्शुई में धन प्राप्ति के कई उपाय बताये गये हैं। फेंग्शुई के अनुसार दक्षिण पूर्वी दिशा धन का प्रतिनिधित्व करती है और इस दिशा को “धन का कोना” कहा जाता है। इस दिशा को छोटी लकड़ी कहते हैं और हरा रंग इसका प्रतिनिधित्व करता है। इस दिशा में हरे रंग की चीज़ों का ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल करने से हमारे जीवन में धन संपदा की बढ़ोत्तरी होती है। आर्थिक स्थिति मज़बूत होती जाती है व भव्य जीवनशैली प्राप्त होती है।



वास्तु शास्त्र में भी लक्ष्मी प्राप्ति के उपायों का उल्लेख है। वास्तु के अनुसार उत्तरी दिशा धन के देवता भगवान कुबेर के स्थान को दर्शाती है। इस दिशा को प्रभावी बनाने से आर्थिक स्थिति मज़बूत होती है और आपको सुखों का आनंद प्राप्त होता है। धन, जेवर व प्रॉपर्टी से जुड़े ज़रूरी कागज़ात को हम इस कोने में रख सकते हैं। वैसे इस दिशा में कुबेर यंत्र या मां लक्ष्मी व कुबेर देव की मूर्ति रखने से भी लाभ प्राप्त होता है।

Read Also

लक्ष्मी प्राप्ति के सिद्ध एवं अचूक उपाय, जिन्हे अपनाने से आती है घर में समृद्धि !
जाने लाल किताब में धन प्राप्ति से जुड़े बहुत ही अचूक एवं सरल उपाय !

Comments

Popular posts from this blog

Lord Shiva quotes and mahakal status

lord shiva Mainne Kaha: Aparaadhee Hoon Main,  👉🏾Mahadev Ne Kaha: "Kshama Kar Doonga"  👤Mainne Kaha: Pareshana Hoon Main,  👉🏾 MahadevNe Kaha: "Sambhaal  Loonga  "  👤Main Kaha: Akela Hoon Main  👉🏾 Mahadev Ne Kaha: 'Saath Hoon Main "  👤Aur Mainne Kaha:" Aaj Bahut Udaas Hoon Main "  👉🏾 Mahadev Ne Kaha:" Najar Utha Ke To Dekh, Tere Aas Paas Hoon Main ...! " Lord Shiva images , Shiva Wallpaper  ,  Lord Shiva quotes and mahakal status ., Lord shiva hd wallpaper ,\ Lord Shiva Yoga Wallpaper , Lord Shiva , Lord Shiva angry images hd   ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम्पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात।। ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं ह शिव की शक्ति, शिव की भक्ति, ख़ुशी की बहार मिले, शिवरात्रि के पावन अवसर पर आपको ज़िन्दगी की एक नई अच्छी शुरुवात मिले!   Lord Shiva images , Shiva Wallpaper  ,  Lord Shiva quotes and mahakal status ., Lord shiva hd wallpaper ,\ Lord ...

indian God

मालिक! मेरी गुमराहियों, मेरे दोष देखकर उन्हें अनदेखा कर देना  क्योंकि मैं जिस माहौल मैं रहता हूँ उसका नाम दुनिया है..!! #जय साई राम Read More :  good morning god images, good morning images god,god shiva images, god krishna images, images of god god images जो दौड़ दौड़ कर भी नहीं मिलता वही संसार है,  जो बिना दौड़े मिल जाता है वही परमात्मा है।। #हरे कृष्णा hindu god images

कैसे हुई थी राधा की मृत्यु, श्रीकृष्ण ने क्यों तोड़ दी थी बांसुरी?

Radha Rani जब भी प्रेम की मिसाल दी जाती है तो श्रीकृष्ण-राधा के प्रेम की मिसाल सबसे पहले आती है.   राधा-श्रीकृष्ण के प्रेम   को जीवात्मा और परमात्मा का मिलन कहा जाता है. राधा श्रीकृष्ण का बचपन का प्यार थीं. श्रीकृष्ण जब 8 साल के थे तब दोनों ने प्रेम की अनुभूति की. राधा श्रीकृष्ण के दैवीय गुणों से परिचित थीं. उन्होंने जिंदगी भर अपने मन में प्रेम की स्मृतियों को बनाए रखा. यही उनके रिश्ते की सबसे बड़ी खूबसूरती है.   Kya hai RadhaAshtami? कहा जाता है कि श्रीकृष्ण को केवल दो ही चीजें सबसे ज्यादा प्रिय थीं. ये दोनों चीजें भी आपस में एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई थीं- बांसुरी और राधा. कृष्ण की बांसुरी की धुन ही थी जिससे राधा श्रीकृष्ण की तरफ खिंची चली गईं. राधा की वजह से श्रीकृष्ण बांसुरी को हमेशा अपने पास ही रखते थे. भगवान श्रीकृष्ण से राधा पहली बार तब अलग हुईं जब मामा कंस ने बलराम और कृष्ण को आमंत्रित किया. वृंदावन के लोग यह खबर सुनकर दुखी हो गए. मथुरा जाने से पहले श्रीकृष्ण राधा से मिले थे. राधा, कृष्ण के मन में चल रही हर गतिविधि को जानती ...