श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार कहलाते है, श्री कृष्ण का लीलामय जीवन अनेक प्रेरणाओं और मार्गदर्शन से भरा हुआ है इसलिए भगवान श्री कृष्ण ( Bhagwan krishna)के भक्त न केवल सिर्फ़ भारत में बल्कि पुरे संसार में फैले हुए है. उनके भक्तो की संख्या करोड़ो अरबो में है यही कारण है की माता यशोदा के लाला श्री कृष्ण के मंदिर भारत के अलावा विदेशो में भी स्थापित है. क्या है Amir Banne Ke Tarike
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के सिर्फ दो ही अवतार थे जिन्होंने देश-दुनिया में प्रसिद्धि पायी थी जो थे सातवें अवतार श्री राम व आठवें श्री कृष्ण . इनके अलावा भगवान विष्णु के अन्य अवतारों को सिर्फ वे ही जानते है जिनके पास हिन्दू धर्म के धर्मिक गर्न्थो का ज्ञान हो.
आखिर क्या कारण है की भगवान श्री कृष्ण और श्री राम के देश-विदेशो में अनेक भक्त फैले है ? कारण तो अनेक है परन्तु जो मुख्य कारण है वह है दोनों के दवारा दिए गए जीवन उपयोगी संदेश जो भक्तो के जीवन में मार्गदर्शक का कार्य करते है. इसके साथ ही श्री राम और श्री कृष्ण का जीवन ही एक बड़ी मिसाल है जिनके उपदेश भक्तो के लिए संदेश का काम करते है.
सिर्फ उनके जीवन से जुड़े उपदेश ही नहीं बल्कि उनसे जुड़े मन्त्र भी उनके भक्तो के जीवन को सुखमय बना सकते है. इसलिए आज हम आपको भगवान श्री कृष्ण से संबंधित कुछ ऐसे मंत्रो के बारे में बताने जा रहे है जिनसे भक्त अपने जिंदगी में सुख-समृद्धि और ऐशवर्य प्राप्त (Amir Banne Ke tarike) कर सकता है. यह मन्त्र काफी सरल है, लेकिन फिर भी ध्यान रहे की इनका उच्चारण सही प्रकार से हो.
क्योंकि हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सही उच्चारित मंत्र ही सही फल प्रदान करते हैं. और मंत्रों का गलत उच्चारण कई बार तबाही का कारण भी बन जाता है. क्योंकि वह अपने सही फल की बजाय विपरीत फल प्रदान कर देता है.
1 . ‘’कृं कृष्णाय नमः’’
इस मन्त्र के उच्चारण करने से मनुष्य को उसके अटके धन की प्राप्ति होती है तथा घर-परिवार में सुख सम्पति की वर्षा होती है.
मन्त्र के जाप करने की विधि :- हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार इस मन्त्र का यह विधान बताया गया है की इसे प्रातः काल स्नान आदि के पश्चात घर में मंदिर के समीप बैठकर 108 बार जाप करना चाहिए . इस मन्त्र के जाप से मनुष्य के सभी कष्टों एवं दुःख दर्दो का विनाश होता है व रुके हुए धन की प्राप्ति होती है.
2 .’’ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा ‘’
भगवान श्री कृष्ण का यह मन्त्र साधारण नहीं है, यह सप्तदशाक्षर महामंत्र है. अन्य मन्त्र 108 बार जप करने से सिद्ध हो जाते है परन्तु इस मन्त्र का जाप एक लाख बार करने से सिद्ध होता है.
सिद्ध करने की विधि :- धार्मिक मान्यतानुसार जप के समय हवन का दशांश अभिषेक का दशांश तर्पण तथा तर्पण का दशांश मार्जन करने का विधान शास्त्रों में वर्णित है. जिस व्यक्ति को यह मंत्र सिद्ध हो जाता है उसे करोड़पति होने से कोई नहीं रोक सकता.
3 . ‘’गोल्ल्भय स्वाहा’’
यह मन्त्र दिखने में तो सिर्फ दो अक्षर के लग रहे है परन्तु इन मंत्रो में सात शब्दों का प्रयोग किया गया है. यदि इस मन्त्र के उच्चारण में थोड़ी सी भी चूक हो जाए तो यह मन्त्र सिद्ध नहीं होता है.
सिद्ध करने की विधि :- आप को बता दे की इस मन्त्र के जाप की लिए कोई समय तय नहीं किया गया है और इसके जापो की संख्या भी निर्धारित नहीं है फिर भी इस मन्त्र का सवा लाख बार जाप करना चाहिए. यदि आप अति शीघ्र धनवान बनना चाहते है इस मन्त्र का उपयोग चलते हुए, कुछ काम करते हुए या जगी हुई अवस्था में कभी भी कर सकते यही परन्तु इस मन्त्र का उच्चारण में भी कोई चूक नहीं होनी चाहिए.अगर जानना चाहते हो Karz Mukti Ke Upay Click Here
4 . ‘’गोकुल नाथाय नमः”…
इस आठ अक्षरों वाले श्रीकृष्णमंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसकी सभी इच्छाएं व अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं. जी हां… अब वह इच्छा धन से संबंधित हो, भौतिक सुखों से संबंधित हो या किसी भी निजी कामना को पूरा करने के लिए हो. इस मंत्र का सही उच्चारण करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
5 “क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः”
आर्थिक स्थित को सुधारने वाले इस मन्त्र का उच्चारण प्रातः काल के समय करना उत्तम होता है. यह मंत्र न केवल धन की वर्षा करता है बल्कि परिवार में आये हर कष्ट को भी दूर कर देता है. यह मन्त्र बहुत ही शक्तिशाली माना गया है.
6 . ‘’ॐ नमः भगवते श्रीगोविन्दाय ‘’
अभी तक हमने जितने भी मंत्रो का वर्णन किया है वे सभी घर में धन वृद्धि करते है और सुख सम्पति लाते है. परन्तु यह मन्त्र विवाह से संबंधित है. जिस किसी भी व्यक्ति का विवाह नहीं हो रहा या कोई व्यक्ति लव विवाह करना चाहता हो उसका इस मन्त्र की सिद्धि द्वारा विवाह हो जाता है. जो व्यक्ति विवाह इच्छुक हो तो उसे प्रातः उठकर स्नान आदि कर इस मन्त्र का 108 बार जाप करना चाहिए. जाने क्या है Rog Mukti Ke Upay
7 . ‘’ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो’’
इस मन्त्र को उच्चारण करने में थोड़ी कठिनता महसूस होती है, परन्तु यह मन्त्र उतना ही प्रभावशाली है तथा व्यक्ति के वाणी में मधुरता लाती है.
यहाँ वाणी से अभिप्राय व्यक्ति के न बोल पाने या गूंगे से नहीं है.. यह मन्त्र ऐसी शक्ति प्रदान करता है की जिससे व्यक्ति की वाणी क्षमता मजबूत होती है तथा उस की बोली ही बाते सिद्ध होने लगती है.
8 .“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री”
यह 23 अक्षरों का बहुत ही प्रभावशाली मन्त्र है जिसके जाप से व्यक्ति की हर प्रकार की बाधा का अंत होता है तथा व्यक्ति की घर में धन-दौलत की वर्षा होती है.
ऐसी मान्यता है की इस 23 अक्षर के मंत्र का नित्य जाप करने से व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं आती तथा मनुष्य सदैव वैभव-सम्पन्न बना रहता है.
ऐसी मान्यता है की इस 23 अक्षर के मंत्र का नित्य जाप करने से व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं आती तथा मनुष्य सदैव वैभव-सम्पन्न बना रहता है.
9 . “ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा”….
यह श्रीकृष्ण का 28 अक्षरों वाला मंत्र है, जिसका जाप करने से मनोवांछित फल प्राप्ति होते हैं. जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसको समस्त अभीष्ट वांछित वस्तुएं प्राप्त होती हैं.
10 .“लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा”
श्री कृष्ण के इस 29 अक्षर के मंत्रो के जाप को साधक यदि एक लाख बार जप के साथ शक़्कर , घी के साथ हवन करें तो वह स्थायी लक्ष्मी पा सकता है.
11 “नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा”…
श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया यह मंत्र 32 अक्षरों वाला है. इस मंत्र के जाप से समस्त आर्थिक मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यदि आप किसी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो सुबह स्नान के बाद कम से कम एक लाख बार इस मंत्र का जाप करें. आपको जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा…
12 . “ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे, रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे” (how to be rich)
33 अक्षरों वाले इस मंत्र में ऐसी चमत्कारी शक्तियां हैं जिस पर आप विश्वास नहीं कर पाएंगे. इस श्रीकृष्ण मंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसे समस्त प्रकार की विद्याएं निःसंदेह प्राप्त होती हैं. यह मंत्र गोपनीय माना गया है इसे करते समय किसी को पता नहीं चलना चाहिए.
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13 . कृष्णःकर्षति आकर्षति सर्वान जीवान् इति कृष्णः.
ओम् वेदाः वेतं पुरुषः महंतां देवानुजं प्रतिरंत जीव से .
श्रीकृष्ण के इस मंत्र में तैंतीस (33) अक्षर हैं, जिसके नियमित जाप से धन से संबंधित किसी भी प्रकार का संकट टल जाता है.
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