स्फटिक माला - Sphatik Mala
Sphatik mala (स्फटिक माला) वैसे तो देखने में यह अन्य रत्नो की तरह ही होता है| और यह देखने में बिलकुल कांच जैसा होता है| यह रत्न बहुत ठंडी प्रवति का होता है और इसकी खूबी यह है की इसको जितनी भी धूप में रखा जाये फिर भी यह गरम नहीं होता ठंडा ही रहता है|
यह शरीर में धारण किया जाता है इन रत्नो से हार और कंगन भी फायदे देते है| इन रत्न में बहुत सी बीमारियों को ठीक करने की शक्ति होती है| कही वैद इस से बहुत सारी बीमारयां ठीक करने के लिए इस्तेमाल करते है और यह काम अब भी किया जाता है |
वेद शास्त्रों में इसके इस्तमाल के बहुत से फायदे बताये गए हैं | और बताया गया है की कैसे इस के इस्तमाल से बिमारिय भी ठीक होती है | माता लक्ष्मी की उपासना के लिए स्फटिक की माला शुभ मानी गई है। स्फटिक पंचमुखी ब्रह्मा का स्वरूप है। मां लक्ष्मी और संसार के रचयिता ब्रह्मा जी की कृपा पाने के लिए इस माला का प्रयोग लाभकारी माना जाता है।
स्फटिक माला के उपयोग - Sphatik Mala Ke Upyog
- 108 मनको वाली स्फटिक माला का इस्तेमाल करके नीचे दिया गया सरस्वती मन्त्र का सात सोमवार लगातार जाप करने से हर कार्य में सफलता मिलती है।
- स्फटिक माला पर सरस्वती मंत्र का जप करने से सिद्धि शीघ्र प्राप्त होती है तथा माँ सरस्वती की कृपा से विद्या-बुद्धि बढ़ती है।
- माँ सरस्वती व भैरवी की आराधना के लिए स्फटिक माला श्रेष्ठ होती है।जो भी इंसान स्फटिक के मनको की माला पहनता है वो शांत रहता है और उसको कभी भी गुस्सा नहीं आता।
- स्फटिक माला को पहनने से इंसान सेहतमंद रहता है और बीमारियों से बचा रहता है।
- यह माला इंसान से भूत प्रेत और नकारात्मक शक्तिओं को दूर रखती है।
- मन इधर-उधर भटकने की स्थिति में, तथा सुख-शांति के लिए स्फटिक माला पहननी चाहिए।
- शुक्रवार को स्फटिक माला धारण करने से धन एवम ऐश्वर्य बढ़ता है।
- शनिवार को स्फटिक माला धारण करने से रक्त से संबंधित बीमारियों से लाभ होता है।
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