Skip to main content

Posts

व्यापार व कारोबार में सफलता के अचूक उपाय

Vyapar Me Safalta Ke Upay इस दुनिया में बहुत कम ऐसी चीज़ें हैं जो हमेशा स्थिर रहती हैं। कुदरत का सबसे विख्यात और सर्वोपरि नियम है की सबकुछ समय के साथ बहता है। कोई भी चीज़ चाहे कितना भी बांध कर रखी जाये की नहीं जाये हमेशा ढीली होकर बिखर जाती है। चाहे कोई छुपी हुई बात हो या फिर मुनाफे का मौसम हो सब बदल जाता है। कुछ भी ऐसा नहीं जो समय का गुलाम नहीं है। सबका उसके सामने झुकने का नियम है। आप अगर एक दिन मंद कारोबार कर रहे हैं तो यह ज़रूरी नहीं की अगले दिन भी यही हालात होंगे। आपको करना जो कुछ भी है करें पर अंत में हाथ की डोरी ऊपर वाले के हाथ में ही रहती है। आप चाह कर कितने ताले लगवा लें, चाहे कितने पहरेदार रखवा लें अगर कुछ चोरी होना है तो होकर ही रहती है। व्यापार में सफलता ( Vyapar me Safalta ) ऐसे कठोर समय और परिस्थितियों में कैसे पाएं? कैसे करें अपने काम में इज़ाफ़ा? कैसे होगा आपको ज़्यादा मुनाफा या थोड़ा मुनाफा? इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हम आपके समक्ष आज कुछ उपाय रखेंगे जिनसे आप अपने काम में सफल हो पाएं और ख़ुशी के रस्ते पर चल पड़ें। सबसे पहला कार्य जिसे करने से आपके व्यापार (

Lal Kitab Ke Upay Hindi Me

Lal Kitab Ke Upay-  धन लाभ के लिए करें लाल किताब के ये उपाय लाल किताब (lal kitab ke upay ) में मनुष्‍य की हर समस्‍या का निदान है। इसके उपाय जितने सरल हैं उतने ही चमत्‍कारिक भी हैं। लाल किताब के उपायों ( Lal Kitab Ke Upay )   से जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाई जा सकती है। आज हम आपको बताते हैं कि किस तरह लाल किताब के सरल उपायों ( Lal Kitab Ke Saral Upay ) से आप छप्‍पर फाड़कर धन कमा सकते हैं। अभी जानें अपनी समस्‍या के लाल किताब के सरल उपाय पीपल – पीपल के पेड़ के नीचे खड़े होकर किसी लोहे के बर्तन में पानी, शक्‍कर, घी और दूध मिलाकर पीपल के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं। काले तिल – बार-बार धन की हानि हो रही है तो काले तिल सात बार परिवार के सभी सदस्‍यों के सिर से उतार कर उत्‍तर दिशा में फेंक दें। लाल किताब के उपायों से मिलेगा संतान सुख पैसों की कमी – घर में पैसों की कमी है या आर्थिक स्थिति खराब है तो कुत्‍ते को दूध दें और अपने घर में सोने का चौरस सिक्‍का रखें। कमरे में मोर पंख रखने से भी लाभ होगा।   पैसा कमाने की इच्‍छा रखने वाले लोग करें इनका पूजन मां लक्ष्‍मी पैसा कमाना

जानिए क्या है स्फटिक माला के फायदे - Sphatik Mala Benefits

स्फटिक माला - Sphatik Mala  Sphatik Mala स्फटिक माला वैसे तो देखने में यह अन्य रत्नो की तरह ही होता है और यह देखने में बिलकुल कांच जैसा होता है। यह रत्न बहुत ठंडी प्रवति का होता है और इसकी खूबी यह है की इसको जितनी भी धूप में रखा जाये फिर भी यह गरम नहीं होता ठंडा ही रहता है। यह शरीर में धारण किया जाता है इन रत्नो से हार और कंगन भी फायदे देते है। इन रत्न में बहुत सी बीमारियों को ठीक करने की शक्ति होती है। कही वैद इस से बहुत सारी बीमारियाँ ठीक करने के लिए इस्तेमाल करते है और यह काम अब भी किया जाता है । वेद शास्त्रों में इसके इस्तमाल के बहुत से फायदे बताये गए हैं । और बताया गया है की कैसे इस के इस्तमाल से बीमारियाँ भी ठीक होती है। यह Mala कोई भी धारण कर सकता है चाहे वो लड़का हो या औरत। Monday के दिन Sphatik Mala धारण करने से इंसान के मन में शान्ती बना रहता हैं और सिर दर्द भी नहीं होता। Sphatik Mala या फिर इसका रत्न को भी अपनी तिजोरी में रखने से Business में Benefits मिलता हैं। अगर बच्चो का पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगता हो और वे अपना दिमाग पढ़ाई में  मन न  कर पा रहें हो तो उ

जानिए क्या है स्फटिक माला के मंत्र का अचूक लाभ

स्फटिक माला - Sphatik Mala Sphatik Mala अन्य रत्नो की तरह होता है जो की सिलिकॉन और ऑक्सीज़न के एटम्स के मिलने से बना होता है यह देखने में बिलकुल कांच जैसा होता है और पारदर्शी होता है | इसका कोई भी रंग नहीं होता और इसको प्योर रत्नो और वाइट क्रिस्टल भी कहा जाता है | यह रत्न बहुत ठंडी प्रवति का होता है और इसकी खूबी यह है की इसको जितनी भी धूप में रखा जाये फिर भी यह गर्म नहीं होता ठंडा रहता है | इस रत्न को आभूषण के तौर पर शरीर पर धारण किया जाता है इसके बने हुए हार और कंगन बहुत लोकप्रिय है | Sphatik Mala में बहुत सी बीमारियों को ठीक करने की शक्ति होती है और रक्त विकार दूर करने के लिए भी बहुत उपयोगी है | पुराने समय में हमारे ऋषि, मुनि और वेद इसका इस्तेमाल करते आये है | वेद इसका भस्म का इस्तेमाल बहुत सारी बीमारियां ठीक करने के लिए इस्तेमाल करते थे और अब भी किया जाता है | वेद शास्त्रों में इसके इस्तेमाल के बहुत से फायदे बताये गए है | स्फटिक माला के लाभ - Sphatik Mala ke Labh सबसे पहले पूर्णिमा वाले दिन सूर्यास्त के समय नहा कर सफ़ेद कपडे धारण कर ले | फिर उतर दिशा की तरफ मुँ

जानिए क्या है स्फटिक माला का महत्व

स्फटिक माला का महत्व - Importance Of Sphatik Mala Sphatik Mala शक्ति का प्रतीक है। लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा जाप के लिए यह माला उतम है तथा गायत्री मंत्र के लिए भी सर्वोतम है। इसके जप करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है, और क्रोध शान्त होता है। देवी जाप के लिए स्फटिक माला से मंत्र शीघ्र सिद्ध हो जाता है। उच्च रक्तचाप के रोगियों को व क्रोध शान्ति के लिए यह माला अचूक है। इसे फिटकरी भी कहा जाता है। सामान्यत: यह काँच जैसा प्रतीत होता है, परंतु यह काँच की अपेक्षा अधिक दीर्घजीवी होता है। कटाई में काँच के मुकाबले इसमें कोण अधिक उभरे होते हैं। इसकी प्रवृत्ति ठंडी होती है। अत: ज्वर, पित्त-विकार, निर्बलता तथा रक्त विकार जैसी व्याधियों में वैद्यजन इसकी भस्मी का प्रयोग करते हैं। स्फटिक को नग के बजाय माला के रूप में पहना जाता है। स्फटिक माला को भगवती लक्ष्मी का रूप माना जाता है। स्फटिक शुक्र ग्रह से सम्बंधित होता है यदि व्यक्ति इसकी माला को धारण करता है तो वह शुक्र ग्रह के हानिकारक प्रभाव से बच सकता है। यह माला एकाग्रता, सम्पन्नता और शान्ति की माला मानी जाती है। माँ सरस्वती और मा

जानिए कैसे करें सही स्फटिक माला की जाँच - How To Check Original Sphatik Mala Check

जानिए कैसे करें सही स्फटिक माला की जाँच - How To Check Original Sphatik Mala  Original Sphatik Mala की पहचान यह है की ये और सभी मालाओं से अधिक चमकता है| अगर इसके मोती में चमक ना हो समझ लीजिए की ये कोई और माला है। इसके अलावे Sphatik Mala को जाच ने के लिए अच्छा Tarika यह है की इसे अँधेरे में आपस में रगड़ने से चमक उत्पनन होगी | अगर यह आपस में रगड़ने से चमकता है तो इसका मतलब की आपके पास ओरिजिनल है और अगर यह रगड़ने नहीं से चमकता तो समझ लीजिये की यह ओरिजिनल स्फटिक माला नहीं है | Sphatik Mala  शक्ति का प्रतीक है। लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा जाप के लिए यह माला उतम है तथा गायत्री मंत्र के लिए भी सर्वोतम है। इसके जप करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है, और क्रोध शान्त होता है। देवी जाप के लिए Sphatik Mala  से मंत्र शीघ्र सिद्ध हो जाता है। उच्च रक्तचाप के रोगियों को व क्रोध शान्ति के लिए यह माला अचूक है। इसे फिटकरी भी कहा जाता है। सामान्यत: यह काँच जैसा प्रतीत होता है, परंतु यह काँच की अपेक्षा अधिक दीर्घजीवी होता है। कटाई में काँच के मुकाबले इसमें कोण अधिक उभरे होते हैं। इसकी प्रवृत्ति ठंडी

शनि दोष निवारण

shani dosh पूजा शनि दोष के दुष्प्रभावों को दूर करने और भगवान शनि की पूजा करके राजयोग को प्राप्त करने में मदद करती है। यह पूजा शनि दशा या सादे साती या काल सरपा दोष के बुरे प्रभावों से छुटकारा पाने के लिए की जाती है। जब शनि कुंडली में पीड़ित होता है तो shanidosh nivarana mantra को बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ पेशेवर जीवन में सफलता और समृद्धि हासिल करने में भी मदद करता है। पूजा मुख्य रूप से भगवान शनि के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। जन्मकुंडली कुंडली के विशिष्ट घर में शनि की स्थिति shani dosh का कारण बनती है। shani dosha nivaran पूजा के दौरान, भक्त को पहले मुद्रा लेना चाहिए और फिर पानी के साथ भगवान शनि के चरणों को धोना चाहिए। भगवान शनि को दी गई पानी भक्त द्वारा खाया जाना चाहिए। भगवान के सामने तिल के बीज के तेल के साथ लिट diyas। भगवान शनि की भक्ति में प्रार्थना प्रार्थना या मंत्र। ज़रूरतमंद लोगों को काले तिल के बीज या चावल दान करें। भक्त को सूर्यास्त तक तेजी से रखना चाहिए। काले ग्राम दल के साथ मिश्रित चावल का उपभोग करके उपवास तोड़ो। श्लोक